Constipation Home Remedies : ये घरेलू उपाय अपनाएं पुरानी से पुरानी कब्ज को मिनटों में दूर करे

Constipation Home Remedies : आज फिर पेट ठीक से साफ़ नहीं हुआ। अब पूरे दिन गैस, एसिडिटी, पेट का भारीपन, सिरदर्द और कई तरह के लक्षण झेलने पड़ते हैं। ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत इसी तरह से करते हैं। आप इस बात से भी इनकार नहीं करेंगे कि अगर आपका पेट दर्द करता है तो आपको समझ जाना चाहिए कि दिन भी खराब है। कब्ज, जो लगभग हर बीमारी का स्रोत है, आज के समाज में एक प्रमुख मुद्दा है। कभी-कभी मामला इतना गंभीर हो जाता है कि जान पर बन आती है। स्टाइलक्रेज़ के इस लेख में हमने कब्ज के लिए एक उपचार विकसित किया है। उनकी सहायता से आप रूकावट को जड़ से खत्म कर सकते हैं। संपूर्ण उपचार पर चर्चा करने से पहले यह समझना आवश्यक है कि कब्ज क्या है, यह क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं।

Table of Contents

कब्ज क्या है?

कब्ज (Constipation) एक सामान्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति को मल निकास करने में समस्या होती है। यह अवस्था उन समय हो सकती है जब मल की मात्रा कम होती है, मल ठोस और सुष्ठ होता है या मल निकास करने में कठिनाईयां होती हैं।

कब्ज के प्रकार

कब्ज (constipation) कई प्रकार का हो सकता है, जो निम्नलिखित हैं:

गुणासंग्रहण: यह सबसे सामान्य प्रकार का कब्ज है और इसे आमतौर पर आहार में कम फाइबर, कम पानी पीने या गतिविधि की कमी के कारण होता है। इसमें व्यक्ति को लगातार पेट की तनाव, पेट में भारीपन, और मल निकलने में कठिनाई का अनुभव होता है।

यातायातिक कब्ज: इसे लंबी सफर, व्यापारिक यात्रा या बेडरिद्ध जीवनशैली के कारण हो सकता है। इसमें बार-बार सफर करने और अनुचित आहार के कारण पेट में उच्च तनाव बना रहता है।

आवर्ती कब्ज: इस प्रकार के कब्ज में दिन में कम से कम तीन बार मल नहीं होता है और दिनों या हफ्तों तक बना रह सकता है। यह साधारणतः आंतों के लक्षण होते हैं और विभिन्न कारणों से हो सकते हैं, जैसे कि आंत में बाधा, हृदय रोग, डायबिटीज, थायराइड रोग, मधुमेह, या गर्भावस्था।

अटोनिक कब्ज: इस प्रकार का कब्ज यदि आंत की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण होता है। इसमें मल निकालने की क्षमता कम हो जाती है और यह लंबे समय तक चला सकता है। यह सामान्यतः बुढ़ापे में देखा जाता है, लेकिन कई बार दवाओं के सेवन या अन्य मेडिकल स्थितियों के कारण भी हो सकता है।

कब्ज के क्या-क्या कारण है?

कब्ज (constipation) कई विभिन्न कारणों से हो सकता है। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:

अपर्याप्त पानी पिना: पानी की कमी आपके शरीर को उचित ढंग से ताजगी नहीं देती है, जिसके कारण संपादित खाद्य पदार्थ आपके आंत में पानी शोषित करके ताजगी बाहर निकलने की क्षमता को कम करते हैं। इससे कब्ज हो सकता है।

अनुजीर, अनार, पपीता जैसे खाद्य पदार्थों की कमी: ये फल और सब्जी आपको अच्छे ताजगी और फाइबर प्रदान करते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करते हैं। इनकी कमी के कारण आपके पाचन तंत्र में असामान्यताएं हो सकती हैं, जो कब्ज का कारण बन सकती हैं।

अनुचित आहार: बहुत सारे प्रकार के प्रसंस्कृत और प्रशोधित आहार (जैसे बार्गर, पिज़्ज़ा, मैदा आदि) अपर्याप्त फाइबर और पोषण के साथ आपकी आंतों को संपादित खाद्य पदार्थ नहीं प्रदान करते हैं, जिसके कारण कब्ज हो सकता है।

अव्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि का अभाव कब्ज का कारण बन सकता है। अव्यायाम आपकी पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करके आंत की संक्रियाओं को धीमा कर सकता है।

दवाओं का सेवन: कुछ दवाएं (जैसे पेनसिलिन, एंटीडिप्रेसेंट, एंटासिड आदि) कब्ज का कारण बन सकती हैं। यदि आप दवाओं का नियमित रूप से सेवन कर रहे हैं, तो इसे अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

कब्ज का कारण यकृत रोग, थायराइड असंतुलन, आंत्र रोग, आंत्रवेदनाशकों का उपयोग, गर्भावस्था, मासिक धर्म के दौरान और वृद्धावस्था आदि में भी हो सकता है। यदि आपको दिनों तक कब्ज की समस्या होती है, या यह नियमित रूप से होता है, तो आपको एक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सक आपकी विशेष परीक्षा करेंगे और समस्या के निदान और उपचार के लिए आपको सलाह देंगे।

कब्ज के क्या लक्षण है?

कब्ज के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. पेट में तनाव और अस्वस्थता का अनुभव: कब्ज के मरीजों को पेट में तनाव की एक अनुभूति हो सकती है, जिसके कारण वे अस्वस्थ और बेचैन महसूस कर सकते हैं।
  2. पेट में गैस और उदरवायु: कब्ज के कारण पेट में गैस और उदरवायु बन सकती है, जिससे पेट में सूजन, दर्द, और तंगी की अनुभूति हो सकती है।
  3. दुर्गंधित दस्तरहित और कठोर मल: कब्ज के मरीजों को अधिकतर समय बिलकुल ठोस और कठोर मल के रूप में दुर्गंधित दस्तरहित कला का अनुभव हो सकता है।
  4. अपार्टमेंट बार से मुक्ति की अनुभूति: कब्ज के मरीजों को मलाशय में संक्रमण के कारण मल को पूरी तरह से बाहर निकालने में कठिनाई हो सकती है, जिससे वे मल में पूरी तरह से संतुष्टि का अनुभव नहीं कर पाते हैं।
  5. आवाजाहीनता: कब्ज के कारण मलाशय में सटे मल के कारण मरीजों को पेट में गूँजने वाली आवाज या गुटरगूंज सुनाई नहीं दे सकती है।

यदि आपको ककब्ज के लक्षणों का संबंधित हो और आप इसका सामान्य विवरण जानना चाहते हों, तो इसके अलावा अन्य सामान्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे:

  1. अपारित आवयवों की तनाव: कब्ज के मरीजों को आंत, पेट या मलाशय के आवयवों में तनाव और अस्वस्थता की अनुभूति हो सकती है।
  2. पेट में दर्द और असहजता: कब्ज से पीड़ित मरीजों को पेट में दर्द और असहजता हो सकती है, जो कभी-कभी तीव्र भी हो सकती है।
  3. खुरदुरी पेशाब: कब्ज के कारण पेट में बढ़ी हुई दबाव के कारण मरीजों को पेशाब करते समय खुरदुरी या पेशाब के स्थान के प्रकाश में बदलाव की अनुभूति हो सकती है।
  4. खुजली और अनुकंपा: कब्ज के मरीजों को मलाशय क्षेत्र में खुजली और त्वचा में अनुकंपा की संभावना होती है।

कब्ज के लक्षण व्यक्ति के आधार पर भिन्न हो सकते हैं और संक्रमण, आहार, रोगों के इलाज या अन्य कारकों के आधार पर भी विभिन्न हो सकते हैं। यदि आपको लगता है कि आपको कब्ज की समस्या हकब्ज (constipation) एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो कि शोधकर्ताओं द्वारा एक आंतरदृष्टि रोग के रूप में मान्यता प्राप्त है। कब्ज के लक्षण व्यक्ति के आधार पर भिन्न हो सकते हैं और उनकी गंभीरता भी अलग-अलग हो सकती है। कुछ सामान्य कब्ज के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. मल त्याग में कठिनाई: मल त्याग करने में कठिनाई और अस्वस्थता की अनुभूति हो सकती है। मल की मात्रा कम हो सकती है और मल का संरचना कठोर और सूखी हो सकती है।
  2. अवांतरण में देरी: कब्ज के मरीजों को मल त्याग करने में देरी हो सकती है। यदि मल का त्याग तीन दिन से अधिक समय तक रुक जाता है, तो इसे अवांतरण में देरी कहा जाता है।
  3. पेट में अवसाद और बहुलता की भावना: कब्ज के कारण पेट में भारीपन, अवसाद, और बहुलता की भावना हो सकती है। मल का आवागमन सुखद अनुभव नहीं होता है और इसके कारण मरीज पेट में अस्वस्थता महसूस कर सकते हैं।
  4. गैस और उदरवायु: कब्ज के मरीजों को आपेट में गैस और उदरवायु की समस्या हो सकती है। यह गैस के रूप में महसूस हो सकती है और पेट में तंदुरुस्ती की अनुभूति करा सकती है।
  5. अनुच्छेदों का ढ़ँढ़ालस: जब एक व्यक्ति कब्ज से पीड़ित होता है, तो उनके मलाशय में मल जम जाता है। इसके कारण मरीजों को मलाशय को खाली करने में असमर्थता और मलाशय में दर्द की अनुभूति हो सकती है।

यदि आप कब्ज के लक्षणों का संबंधित हों और आपको इस समस्या का सामान्य विवरण चाहिए, तो उपरोक्त संकेत आपको मदद कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपको लगता है कि आपको कब्ज की समस्या हो सकती है या आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको एक चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। वे आपको सही निदान और उपचार की सलाह देंगे।

कब्ज के 7 घरेलू रामबाण इलाज

कब्ज (constipation) एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है। यह एक सामान्य शिकायत है जिसमें शेष खाद्य पदार्थों की वस्तुएं पाचन तंत्र में गतिविधि कम हो जाती है और मल की आवृत्ति कम हो जाती है। यहां कुछ घरेलू उपाय हैं जो कब्ज के इलाज में मदद कर सकते हैं:

पानी पीना: रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखेगा और मल को स्नायु में स्थानांतरित करने में मदद करेगा।

फल और सब्जियाँ: फल और सब्जियाँ उच्च मात्रा में फाइबर का स्रोत होते हैं जो मल की आवृत्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इनमें पपीता, सेब, अंगूर, संतरा, गाजर, गोभी, टमाटर, बैंगन, मूली आदि शामिल हैं।

अदरक और लहसुन: अदरक और लहसुन कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं। आप इन्हें खाने में शामिल कर सकते हैं या घर के मसाले में उनका उपयोग कर सकते हैं।

ताजा दही: ताजी दही पाचन तंत्र को संतुलित करने में मददकरती है और कब्ज को दूर करने में सहायक हो सकती है। आप इसे खाने के साथ या फलों के साथ मिला कर भी सेवन कर सकते हैं।

पानी की मात्रा बढ़ाना: रोजाना पानी की मात्रा बढ़ाएं। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखेगा और मल को स्नायु में स्थानांतरित करने में मदद करेगा।

सुबह उठकर गर्म पानी पिएं: सुबह खाली पेट गर्म पानी पीना कब्ज के इलाज में सबसे सरल और प्रभावी तरीकों में से एक है। गर्म पानी पीने से आपके पाचन तंत्र की सक्रियता बढ़ती है और मल की आवृत्ति भी बढ़ती है।

योगाभ्यास: कुछ योगासन और प्राणायाम कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं। पावनमुक्तासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन, वक्रासन, कपालभाती, अनुलोम-विलोम आदि योगाभ्यास करें।

कब्ज में क्या खाना चाहिए और क्या नही चाहिए?

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ आपको कब्ज में मदद कर सकते हैं:

कब्ज में खाए:

फल और सब्जियाँ: पपीता, अँजीर, आंवला, सेब, नाशपाती, बनाना, गाजर, टमाटर, पालक, गोभी, मूली, तोरी, बैंगन, खीरा, लौकी और तरबूज जैसे उच्च पानी संरचित फल और सब्जियाँ खाएं। ये फाइबर की स्रोत होते हैं और पाचन प्रक्रिया को संतुलित करते हैं।

पौष्टिक अनाज: ब्राउन राइस, ओट्स, गेहूं के दलिया, रागी, जौ, मक्का और बाजरे के आटे में भरपूर मात्रा में फाइबर पाई जाती है। इन्हें नियमित रूप से खाएं।

अंकुरित अनाज: मूंग की दाल, मेथी, मसूर दाल, चना, मेथी दाना और सबूत मूंग आदि को भी अंकुरित अनाज के रूप में खाने से फाइबर की मात्रा बढ़ती है और पाचन को सुधारती है।

ताजपर्याप्त पानी पिएं: पानी की पर्याप्त मात्रा रखना कब्ज को दूर करने में मदद कर सकती है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

कब्ज में खाने से बचें:

प्रोसेस्ड फूड्स: तला हुआ और प्रसंस्कृत भोजन कब्ज को बढ़ा सकता है, इसलिए प्रोसेस्ड फूड्स जैसे चिप्स, नमकीन, बिस्किट, मैदा, और जंक फूड से बचें।

मैदा और सफेद चीनी: अधिक मात्रा में मैदा (रिफाइंड आटा) और सफेद चीनी का सेवन करने से भी कब्ज हो सकती है। इनकी जगह पूरे अनाज और शक्कर की जगह उचित होगी।

पूर्वाहार के वक्त चाय और कॉफी: पूर्वाहार के वक्त चाय और कॉफी का सेवन करने से पाचन प्रक्रिया में अव्यवस्था हो सकती है, जिससे कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। यदि आप चाय या कॉफी पीना पसंद करते हैं, तो उनकी मात्रा को सीमित रखें।

प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स: प्रोबायोटिक्स (जैसे कि दही) और प्रीबायोटिक्स (जैसे कि बनाना, प्याज़, गाजर, और अजवाइतों) कब्ज के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, इसलिए इन्हें अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

तले हुए और मसालेदार भोजन: तले हुए और अधिक मसालेदार भोजन कब्ज को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इन्हें कम से कम करें।

कब्ज का कारण क्या हो सकता है?

कब्ज के कारण अन्यत्र शोषक बातों के साथ तरल पदार्थों की कमी, अपर्याप्त पानी पीना, कम फाइबर आहार, कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन, अनुचित लाइफस्टाइल, बैठे रहना, दवाओं का सेवन, अत्यधिक तनाव आदि शामिल हो सकते हैं।

कब्ज के लक्षण क्या होते हैं?

कब्ज के लक्षण में पेट में दर्द और उदरविकार, मल त्याग करने में कठिनाई, विषम और अविस्मरणीय मल त्याग, पेट में गाँठों का उपस्थित होना, अप्रिय शरीरी गंध, तापमान और नींद में कमी शामिल हो सकती है।

कब्ज से बचने के लिए क्या आहार लेना चाहिए?

कब्ज से बचने के लिए आपको अपने आहार में फाइबर समृद्ध आहार शामिल करना चाहिए। इसमें फल, सब्जियां, पूरे अनाज, दालें, मूंगफली, नट्स, बीन्स आदि शामिल हो सकते हैं। साथ ही, पानी की पर्याप्त मात्रा पीना भी महत्वपत्वपूर्ण होता है। अन्य उपयोगी आहार सामग्री में दही, ताजे अंडे, ताजी लस्सी, ताजे दूध, ओट्समील, ब्राउन राइस, ग्रीन लीफी सब्जियां, चिया बीज, आदरक, नींबू पानी, ताजे जूस आदि शामिल हो सकते हैं।

कब्ज से राहत पाने के लिए कौनसी प्रकृतियों का पालन करना चाहिए?

कब्ज से राहत पाने के लिए आपको नियमित व्यायाम करना चाहिए, पानी की पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए, पूरी नींद लेनी चाहिए, तंबाकू और शराब का सेवन रोकना चाहिए, और स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान या मेडिटेशन का प्रयास करना चाहिए।

कब्ज के लिए उपयोगी आयुर्वेदिक उपचार कौन से हैं?

कब्ज के लिए आयुर्वेदिक उपचार में त्रिफला, ईसबगोल, सेन्ना, घृतकुमारी रस, हरिताकी, और जीरा का सेवन किया जा सकता है। ये प्राकृतिक उपचार अपच, पाचन क्रिया को सुधारने और नियमित मल त्याग को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं।

कब्ज से बचने के लिए कौनसे योगासन कारक उपाय अपनाए जा सकते हैं?

कब्ज से बचने के लिए आप निम्नलिखित गैसन कारक उपाय अपना सकते हैं:
नियमित व्यायाम करें, जैसे कि योगासन, पैदल चलना या साइकिल चलाना।
1. खाने के बाद थोड़ी देर तक बैठने से बचें।
2. तंबाकू और शराब का सेवन रोकें, क्योंकि ये गैस उत्पन्न कर सकते हैं।
3. आहार में फाइबर समृद्ध खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज और दालें।
4. नियमित रूप से पानी पिएं, क्योंकि यह पाचन क्रिया को सुधारता है और गैस को कम कर सकता है।

कब्ज से राहत पाने के लिए होमियोपैथिक उपचार कौन से हैं?

उत्तर: कब्ज के लिए होमियोपैथिक उपचार में नक्स वोमिका, ब्र्यूम एक्स विरगिनिया, इसाबगोल, सिलीसिया, सेपिया, नैट्रम मर, और ब्रायनिया आदि दवाएं उपयोगी हो सकती हैं। होमियोपैथिक चिकित्सा में उपचार के लिए एक होमियोपैथिक वैद्य से सलाह लेना सुरक्षित और उपयोगीहोता है। वे आपके रोग के लक्षणों, प्रकृति और व्यक्तिगत परिस्थितियों का विश्लेषण करेंगे और उपचार की सलाह देंगे।

कब्ज से निजात पाने के लिए कौनसे योगासन उपयोगी हो सकते हैं?

कब्ज से निजात पाने के लिए निम्नलिखित योगासन उपयोगी हो सकते हैं:
1. पवनमुक्तासन (गैस रिलीफ पोज)
2. पश्चिमोत्तानासन (पूर्ण बड़ी ऊँगली पहुँचाने वाला पोज)
3. मलासन (कब्ज से निजात पाने के लिए पोज)
4. बालासन (शांति और आराम के लिए पोज)
5. धनुरासन (धनुष बनाने वाला पोज)
6. पदहस्तासन (हथेली से अपने पैरों को पकड़ने वाला पोज)
योगासन करने से पहले अपने योग गुरु से सलाह लेना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।

क्या कब्ज के लिए आयुर्वेदिक दवाएं मुझे सामान्य दवा के साथ ली जा सकती हैं?

उत्तर: हां, कई बार आयुर्वेदिक दवाओं को सामान्य दवाओं के साथ संयोजन करके लिया जा सकता है। इसके लिए आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए ताकि वे आपकी स्थिति के आधार पर सही और सुरक्षित दवाओं की सलाह दे सकें। आपके चिकित्सक को आपकी और आपकी स्वास्थ्य की पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे उचित और अनुकूलित उपचार कर सकें।

कब्ज से बचने के लिए क्या प्राकृतिक उपचार उपयोगी हो सकते हैं?

कब्ज से बचने के लिए कुछ प्राकृतिक उपचार निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. प्रतिदिन प्राकृतिक फाइबर युक्त आहार लें, जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज और दालें।
2. प्रतिदिन पर्याप्त पानी पिएं, क्योंकि यह पाचन को सुधारता है और मलत्याग को सुचारू रूप से करने में मदद करता है।
3. व्यायाम करें, जैसे कि योग, पैदल चलना, स्विमिंग या रेजिस्टर्ड एक्सरसाइज प्रोग्राम में शामिल हों।
4. समय पर मल त्याग करें और देरी से मल त्याग को नजरअंदाज न करें।
5. स्ट्रेस को कम करें और नियमित नींद लें।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *