Asthma ka Ilaj : अस्थमा के घरेलू उपचार – अस्थमा का करें तुरंत इलाज – अस्थमा का आयुर्वेदिक घरेलू उपचार

Asthma ka Ilaj : अस्थमा एक चरम श्वसन संबंधी समस्या है, जिसमें श्वसन नलिकाओं की संकुचन और सुखावट के कारण व्यक्ति को श्वसन करने में परेशानी होती है। यह एक अलर्जिक प्रतिक्रिया के दौरान होता है और धूल मिट्टी, कीटाणु, धूम्रपान या अन्य अलर्जनों से युक्त हवा के संपर्क में होता है। यह स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या हो सकती है।

अस्थमा क्या है?

Asthma ka Ilaj : अस्थमा एक श्वसन संबंधी रोग है, जिसमें श्वसन तंत्र (फेफड़ों, ब्रोंकाइल्स, और हवा के नालिकाओं) की संकुचन और प्रश्वास में परेशानी होती है। यह रोग आमतौर पर धूल, धुएं, जनवार, या अन्य प्रदूषकों से संबंधित एलर्जी के कारण होता है। यह रोग अक्सर परिवार के सदस्यों में या अन्य श्वसन संबंधी रोगों के लिए इतिहास में होने की संभावना ज्यादा होती है।

Asthma ka Ilaj : अस्थमा के मुख्य लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, छाती में दबाव, सांस की फूलने की भावना, श्वास की तेजी या ध्वनि की भारीता, सांस लेने की तकलीफ के साथ सांस का चीखना या घीसना शामिल होता है। ये लक्षण अचानक बढ़ जाने वाले तंत्रों के संकुचन से होते हैं और इसे अस्थमा के एक अध्याय या अपनाए गए इलाज के बाद आवाज़ आता है सकते हैं।

अस्थमा के इलाज में दवाइयों, जैसे कि इनहेलर्स और कॉन्ट्रोलर दवाएं, का उपयोग किया जाता है जो श्वसन संबंधी तंत्र के संकुचन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, अस्थमा रोगियों को ट्रिगर से बचने के लिए उचित परहेज़ और आहार पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।

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अस्थमा के प्रकार

अस्थमा के विभिन्न प्रकार हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

उपश्वासी अस्थमा (Allergic Asthma): यह सबसे सामान्य प्रकार का अस्थमा है जिसमें श्वसन नलिकाओं के संकुचन और विस्तार का कारण विभिन्न प्रकार के एलर्जीज के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया होती है। ये एलर्जीज धूल, कीटाणु, घरेलू पशुओं के धूल, खाने के उपादान और अन्य वातावरणिक तत्व हो सकते हैं।

अश्वासीय अस्थमा (Non-Allergic Asthma): इस प्रकार के अस्थमा में श्वसन नलिकाओं के संकुचन और विस्तार का कारण एलर्जीज से नहीं, बल्कि फिर भी विभिन्न अन्य कारकों जैसे वायु प्रदूषण, धूल, धुएं, इन्फेक्शन आदि से होता है।

अच्छुत (स्थायी) अस्थमा (Persistent Asthma): यह अस्थमा विशेष या लंबे समय तक स्थायी रूप से बना रहता है और लंबे समय तक अस्थमा के लक्षणों को प्रभावित करता है।

समय-समय पर बनने वाला (अस्थमा) (Intermittent Asthma): इस प्रकार के अस्थमा में अस्थमा के लक्षण समय-समय पर होते हैं और सामान्यतः कुछ समय के लिए स्वयं ठीक हो जाते हैं।

वृद्धि अस्थमा (बचपन से शुरू हो जाने वाला) (Childhood-Onset Asthma): जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह वे लोग होते हैं जिनका अस्थमा बचपन से ही शुरू होता है और उन्हें वयस्कता में भी यह स्थिति प्रभावित कर सकती है।

अस्थमा के क्या कारण है?

अस्थमा के कारण विभिन्न हो सकते हैं और इसमें वातावरणीय, जीवाणु, जीवाणुसंबंधी, जीवाणुसंबंधी, आनुवंशिक और संभावना शामिल हैं। यहां अस्थमा के प्रमुख कारणों का एक संक्षेप है:

वातावरणीय कारण: खुले खुले जगहों पर प्रदूषण, धूल, धूम्रपान, धुले न होने वाले या नम कमरे, विशेष रूप से युवा बच्चों में अस्थमा के प्रादुर्भाव को बढ़ा सकते हैं।

आनुवंशिक कारण: कुछ लोगों को आनुवंशिक रूप से अस्थमा होता है, जिसमें वे पूर्वजों से इस रोग के प्रति अधिकतम संवेदनशीलता रखते हैं। जीवाणुजन्य अनुभव, जिसे आप अपने माता-पिता या पूर्वजों से उत्पन्न कर सकते हैं, भी अस्थमा के विकास में एक योगदान दे सकते हैं।

यात्रा: ठंडे और सूखे जगहों में यात्रा करने वाले व्यक्तियों में, जैसे कि बर्फीले क्षेत्रों में, अस्थमा के अधिक खतरे की संभावना होती है।

संभावना: यह पाया गया है कि विभिन्न लोगों में अस्थमा के प्रति विचारशीलता रखने वाले विशेष जीन्स पाए जाते हैं, जो इस रोग को प्रभावित कर सकते हैं।

यह ज़रूरी है कि अस्थमा के लिए एक्सपर्ट चिकित्सा पेशेवर का सलाह लिया जाए और उचित उपचार का पालन किया जाए। यह रोग बिलकुल ठीक नहीं हो सकता, लेकिन उचित इलाज और ध्यान से अपने खुद के शरीर के संकेतों का ध्यान रखकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

अस्थमा में क्या-क्या परहेज होते है?

अस्थमा के रोगी को निम्नलिखित परहेज को करने की सलाह दी जाती है:

डॉक्टर के साथ नियमित संपर्क: अस्थमा के रोगियों को उनके चिकित्सक के साथ नियमित संपर्क में रहना चाहिए और उनके दिए गए इलाज का पालन करना आवश्यक होता है।

अवसादकारी दवाएं: डॉक्टर द्वारा निर्धारित अवसादकारी दवाएं नियमित रूप से लेनी चाहिए, जो श्वासनली की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती हैं।

अस्थमा के गुरुत्वाकर्षक तत्वों से बचाव: रोगी को धूल, धुआं, धूप, पोल्लेन, कीटाणु, जंगली जानवरों के बालों या छिलके से बचना चाहिए।

प्रतिदिन बार-बार हाथ धोना: संक्रमण से बचने के लिए रोजाना कई बार हाथ धोना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

व्यायाम और योग: नियमित व्यायाम और योग करना श्वासनली को मजबूत करता है और सांस लेने में मदद कर सकता है।

सही खानपान: फल, सब्जी, अनाज, और खुद पकाया हुआ खाना खाना चाहिए। तले हुए, तला हुआ, और प्रसंस्कृत भोजन से बचना चाहिए।

स्पर्म के इंजेक्शन या अन्य एलर्जी उत्पन्न करने वाले दवाओं से बचाव: कुछ दवाएं अस्थमा को बढ़ा सकती हैं, इसलिए इस सम्बन्ध में चिकित्सक की सलाह जरूरी है।

धूल, कीटाणु, या अन्य कचरे से दूरी बनाए रखना: साफ सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखना भी आवश्यक है।

यदि अस्थमा के रोगी इन सावधानियों का पालन करें तो उन्हें अस्थमा के लक्षणों को कम करने और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकती है।

अस्थमा में क्या खाए और क्या खाने से बचे?

अस्थमा रोगी को अपने आहार में कुछ विशेष तरह की खाद्य पदार्थों का सेवन करने और कुछ खाने से बचने की आवश्यकता होती है। यह खाने से आपके अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। नीचे कुछ आहार दिए गए हैं, जो अस्थमा रोगियों के लिए उपयुक्त होते हैं:

पर्याप्त और संतुलित आहार: स्वस्थ और संतुलित आहार खाना अस्थमा रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें फल, सब्जियां, अनाज, अंडे, दूध और दही शामिल होने चाहिए।

ओमेगा-3 फैटी एसिड: मछली, नट्स, और सीड्स ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्त्रोत होते हैं जो दिल के स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं और अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकते हैं।

विटामिन सी और मैग्नीशियम: अगर आपको अस्थमा है, तो आपको विटामिन सी और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा मिलनी चाहिए। इसके लिए आप संतरा, आम, नींबू, अखरोट, बीज, अंजीर, और शाकाहारी आहार से प्राप्त कर सकते हैं।

जलेबी और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें: प्रोसेस्ड और तला हुआ खाना अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है, इसलिए उनसे बचें।

प्राकृतिक तरीके से पकाएं: तले हुए या प्रोसेस्ड खाने की बजाय प्राकृतिक तरीके से बने हुए खाने का सेवन करें।

उबली हुई सब्जियां: उबली हुई सब्जियां अस्थमा रोगियों के लिए उपयुक्त होती हैं। अधिकतर पकाने की जगह, सब्जियों को अच्छी तरह से उबाल कर खाना चाहिए।

हरी चाय या काफी से परहेज़ करें: किसी भी प्रकार की चाय या काफी को ज्यादा से ज्यादा दो कप तक सीमित रखें, क्योंकि यह अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। इससे बेहतर है हर्बल चाय जैसे की टुलसी, अदरक या जायफल का उपयोग करें।

कृपया ध्यान दें कि ये सिर्फ आम सुझाव हैं और हर व्यक्ति के लिए अस्थमा के लक्षणों को कम करने के लिए अलग-अलग उपाय हो सकते हैं। 

अस्थमा का क्या इलाज है?

अस्थमा एक श्वसन विकार है जिसमें श्वसन मार्ग (ब्रोंकायल ट्यूब्स) में सूजन हो जाती है और यह श्वसन को मुश्किल बना देता है। यह एक अधिकतम फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें फेफड़ों के संकुचित होने और सांस लेने में दिक्कत होती है।

अस्थमा का उपचार निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

दवाएं: यह अस्थमा के लिए सबसे आम इलाज है। दवाइयों के उपयोग से श्वसन मार्ग की सूजन को कम किया जा सकता है और सांस लेने में सुधार हो सकता है। ये दवाएं अस्थमा रोगी के लिए रेस्क्यू इन्हेलर और प्रेवेंटर इन्हेलर के रूप में प्रदान की जा सकती हैं।

श्वसन संचालन योजना: अपने चिकित्सक से संपर्क करें और एक श्वसन संचालन योजना तैयार करें। यह आपको दवाओं के सेवन के साथ-साथ अस्थमा के उपचार में उपयोगी हो सकता है।

ट्रिगर्स से बचाव: अस्थमा रोगी को अपने ट्रिगर्स से बचना चाहिए। यह ट्रिगर्स धूल मिट्टी, धूम्रपान, गंध, कीटाणु, धूल व बालों के कीटाणु, शीत वातावरण, शारीरिक कसरत या शारीरिक उत्साह, सर्दी-जुकाम, खाने की विशेषताएं आदि हो सकते हैं। इन ट्रिगर्स से बचने से अस्थमा के प्रकोप को कम किया जा सकता है।

विशेषज्ञ की सलाह: अस्थमा के मामले में एक विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा सलाह लेना फायदेमंद होता है। डॉक्टर आपके रोग का सही निदान करेंगे और उचित उपचार का सुझाव देंगे।

अस्थमा बीमारी के लिए कुछ घरेलु नुक्से

अस्थमा एक श्वासनली की अवस्था है जिसमें श्वासनली संकुचित हो जाती है और श्वसन कठिनाई हो जाती है। अस्थमा के इलाज के लिए आपको नियमित चिकित्सा उपचार और चिकित्सक की सलाह का पालन करना चाहिए। हालांकि, कुछ घरेलू उपाय अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। नीचे दिए गए कुछ घरेलू नुस्खे आपकी सहायता कर सकते हैं:

हल्दी और दूध: रात को सोने से पहले गरम दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। हल्दी के गुण श्वसन संकुचन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

आधा चम्मच मेथी दाना: रात को सोने से पहले एक आधा चम्मच मेथी के दाने को गरम पानी में भिगोकर रखें। सुबह खाली पेट इसे खाएं।

शहद और गुड़: एक बार रोज़ाना शहद और गुड़ का सेवन करने से श्वसन नलियों को संकुचित होने से बचाया जा सकता है।

खजूर की छाल: कुछ सूखे खजूर की छाल को रात भर भिगोकर रखें। सुबह उठकर इसे पीसकर शहद के साथ मिलाकर खाएं।

अदरक: अदरक के छोटे टुकड़े को चबाने से श्वसन संकुचन में आराम मिल सकता है।

कृपया ध्यान दें कि ये घरेलू उपचार शिकायतों को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये इलाज नहीं हैं। अस्थमा के लिए सही चिकित्सा और दवाओं का सेवन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अस्थमा रोगी को डॉक्टर के सलाह अनुसार इलाज कराना चाहिए और अस्थमा के लक्षणों में सुधार के लिए उनके साथ सही ढंग से काम करना चाहिए।

अस्थमा क्या है?

अस्थमा एक श्वासनली की बीमारी है जिसमें श्वासनली के नलिकाएं सूज जाती हैं और श्वास लेने में कठिनाई होती है।

घरेलू उपचार अस्थमा के लिए कितने प्रभावी हो सकते हैं?

सामान्य और सुस्त अस्थमा में घरेलू उपचार बहुत प्रभावी हो सकते हैं और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, गंभीर अस्थमा के लिए चिकित्सा जरूरी हो सकती है।

अस्थमा के घरेलू उपचार क्या हैं?

अस्थमा के घरेलू उपचार में श्वासनली की सूजन को कम करने और श्वास लेने में आसानी बनाने के लिए प्राकृतिक औषधियों, योग व् व्यायाम, गर्म चाय, गर्म पानी का इस्तेमाल और स्वस्थ आहार शामिल हो सकते हैं।

क्या योग और व्यायाम अस्थमा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं?

हां, योग और व्यायाम अस्थमा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। प्राणायाम और ध्यान करने से श्वासनली की सूजन कम हो सकती है और श्वास लेने में आसानी हो सकती है।

कौन सी आयुर्वेदिक औषधियां अस्थमा के लिए उपयुक्त हैं?

कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे कि वसाकण्ठासव, सितोपलादि चूर्ण, अभियारिष्ट, तुलसी, और मुलेठी अस्थमा के लिए उपयुक्त हो सकती हैं।

धूम्रपान और अस्थमा के बीच क्या संबंध है?

धूम्रपान अस्थमा के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक हो सकता है और इससे अस्थमा के लक्षण और गंभीरता में वृद्धि हो सकती है। धूम्रपान फेफड़ों की नलिकाओं को आंदोलित करता है, जिससे श्वास की नलिकाएं सूजन कर सकती हैं और दमा का होना संभव होता है।

घर में उपलब्ध सामान से अस्थमा के लक्षणों को कैसे कम किया जा सकता है?

घर में उपलब्ध सामान से आप नमकीन गरारे, हल्दी का दूध, अदरक का रस, गर्म पानी के भाप, शहद और लहसुन जैसे उपचार कर सकते हैं। ये घरेलू उपाय श्वासनली को सूजन कम करने, खांसी और सांस लेने में राहत प्रदान कर सकते हैं।

घरेलू उपचार आसान तरीके से कैसे काम करते हैं?

अस्थमा के घरेलू उपचार श्वासनली की सूजन को कम करते हैं, वायु मार्ग को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं, श्वासनली की मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं, और अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। ये घरेलू उपाय आम तौर पर सामान्य सामग्री से बनाए जाते हैं जो घर में आसानी से उपलब्ध होती हैं।

क्या घरेलू नुस्खे अस्थमा को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं?

घरेलू उपचार अस्थमा के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे इस रोग को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते हैं। यदि आपको अस्थमा है, तो आपको एक पेशेवर चिकित्सक से संपर्क करना और उनकी सलाह और दिए गए दवाओं का प्रयोग करना बेहद महत्वपूर्ण है।

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